कोकम के स्वास्थ्य लाभों के बारे में अवश्य जानें
क्या है कोकम
कोकम की पैदाइश कोंकण प्रांत की है। इसका वनस्पति विज्ञानी नाम गारनिया इन्डिका है और यह मंगोस्टीन परिवार का सदस्य है। यह फल गहरा बैंगनी के पंखुड़ियों वाला होता है, इसका इस्तेमाल करने से पहले इसे सूखाकर संरक्षित किया जाता है। एक बात याद रखें कि कोकम को काटा नहीं जाता है बल्कि पानी में भिगोया जाता है और उससे जो सार निकलता है वह खट्टा-मीठा स्वाद लाता है।
दिमागी शक्ति बढ़ाये
कोकम का सेवन न्यूरोनल विकास की क्रिया की मदद से दिमाग मे सकारात्मक प्रभावों को भरता है। साथ ही ये फ्री रेडीकल्स को निष्क्रीय करके दिमाग को डैमेज होने से रोकता है।
इम्युनिटी बढ़ाता है
कोकम एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इनफ्लेमैटरी एंजेट की तरह काम करके हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। कोकम मे मौजूद एंटी- कार्सिनजेनिक तत्व गार्निकॉल, कैंसर के प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन जींस के उत्पादन को कम करता है।
दिल को स्वस्थ रखता है
कोकम फाइबर से भरपूर होता है और इसमे नाममात्र की कैलोरी पायी जाती है। कोकम में कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फैट बिल्कुल भी नहीं पाया जाता है। इसमे विटामिन सी की मात्रा उच्च होती है इसलिए ये एंटीआक्सीडेंट का भी काम करता है। कोकम में मौजूद मैग्नीशियम, पोटैशियम, और मैंगनीज पाया जाता है जिससे दिल स्वस्थ रहता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है।
वजन कम करता है
कोकम एक जूस से भरा हुयी बेरी होती है। जिसमे एचसीए पाया जाता है जो हाइपोकोलेस्ट्रॉलेमिक एजेंट की तरह काम करती है। ये कैलोरीज को फैट मे बदलने वाले एंजाइम्स की क्रियाशीलता को कम करती है। 400 ग्राम कोकम के फल डाल कर 4 लीटर पानी में उबालें। जब पानी एक चौथाई यानी 1 लीटर बच जाये तो इसे छान कर सुबह-शाम 100 मिली. सेवन करने से वजन कम होता है।
दस्त होने पर लाभदायक
दस्त होने पर कोकम के फलों का चूर्ण (10 ग्राम) एक गिलास ठंडे दूध में मिला कर पीने से भी जल्दी आराम मिलता है। डांग-गुजरात के हर्बल जानकारों का कहना है कि कोकम के साथ दूध हमेशा ठंडा ही लेना चाहिए, क्योंकि गर्म होने पर दूध खराब हो सकता है और इसी वजह से यह दस्तकारक भी हो सकता है।
लू लगने से भी बचाता है
गर्मी के पेय में कोकम के सार के साथ बना मिश्रित पेय, कोकम का शरबत सबका प्रिय होता है। यह कोकम, चीनी, ठंडा पानी, कुछ भूना जीरा और काला नमक से बनता है।
कोकम का फल तनाव को दूर करे
अध्ययनों से पता चलता है कि कोकम का उपयोग चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाते हैं। 2015 में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि कोकम के प्रभाव और तनाव कम करने वाली दवाओं के प्रभाव में लगभग समानता होती है। इस तरह से कोकम का उपयोग तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आप तनाव, अवसाद या चिंता से छुटकारा चाहते हैं तो कोकम के सेवन पर विचार कर सकते हैं।
कोकम जूस के फायदे पाचन के लिए
पेट से संबंधित किसी भी समस्या से परेशान हैं तो कोकम का उपभोग कर सकते हैं। मानव स्वास्थ्य संबंधी अधिकतर समस्याएं पेट से और पाचन तंत्र से शुरू होती हैं। खराब पाचन तंत्र के कारण आपके शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व और ऊर्जा भी प्राप्त नहीं हो सकती है। लेकिन कोकम से बनाए गए काढ़े का सेवन करने से यह पाचन संबंधी समस्याओं का प्रभावी रूप से दूर कर सकता है। नियमित रूप से इस काढ़े का सेवन कब्ज, पेट फूलना, अत्यधिक सूजन, अपचन, दस्त आदि पाचन संबंधी लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
कोकम के नुकसान
कोकम की पैदाइश कोंकण प्रांत की है। इसका वनस्पति विज्ञानी नाम गारनिया इन्डिका है और यह मंगोस्टीन परिवार का सदस्य है। यह फल गहरा बैंगनी के पंखुड़ियों वाला होता है, इसका इस्तेमाल करने से पहले इसे सूखाकर संरक्षित किया जाता है। एक बात याद रखें कि कोकम को काटा नहीं जाता है बल्कि पानी में भिगोया जाता है और उससे जो सार निकलता है वह खट्टा-मीठा स्वाद लाता है।
दिमागी शक्ति बढ़ाये
कोकम का सेवन न्यूरोनल विकास की क्रिया की मदद से दिमाग मे सकारात्मक प्रभावों को भरता है। साथ ही ये फ्री रेडीकल्स को निष्क्रीय करके दिमाग को डैमेज होने से रोकता है।
इम्युनिटी बढ़ाता है
कोकम एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इनफ्लेमैटरी एंजेट की तरह काम करके हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। कोकम मे मौजूद एंटी- कार्सिनजेनिक तत्व गार्निकॉल, कैंसर के प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन जींस के उत्पादन को कम करता है।
दिल को स्वस्थ रखता है
कोकम फाइबर से भरपूर होता है और इसमे नाममात्र की कैलोरी पायी जाती है। कोकम में कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फैट बिल्कुल भी नहीं पाया जाता है। इसमे विटामिन सी की मात्रा उच्च होती है इसलिए ये एंटीआक्सीडेंट का भी काम करता है। कोकम में मौजूद मैग्नीशियम, पोटैशियम, और मैंगनीज पाया जाता है जिससे दिल स्वस्थ रहता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है।
वजन कम करता है
कोकम एक जूस से भरा हुयी बेरी होती है। जिसमे एचसीए पाया जाता है जो हाइपोकोलेस्ट्रॉलेमिक एजेंट की तरह काम करती है। ये कैलोरीज को फैट मे बदलने वाले एंजाइम्स की क्रियाशीलता को कम करती है। 400 ग्राम कोकम के फल डाल कर 4 लीटर पानी में उबालें। जब पानी एक चौथाई यानी 1 लीटर बच जाये तो इसे छान कर सुबह-शाम 100 मिली. सेवन करने से वजन कम होता है।
दस्त होने पर लाभदायक
दस्त होने पर कोकम के फलों का चूर्ण (10 ग्राम) एक गिलास ठंडे दूध में मिला कर पीने से भी जल्दी आराम मिलता है। डांग-गुजरात के हर्बल जानकारों का कहना है कि कोकम के साथ दूध हमेशा ठंडा ही लेना चाहिए, क्योंकि गर्म होने पर दूध खराब हो सकता है और इसी वजह से यह दस्तकारक भी हो सकता है।
लू लगने से भी बचाता है
गर्मी के पेय में कोकम के सार के साथ बना मिश्रित पेय, कोकम का शरबत सबका प्रिय होता है। यह कोकम, चीनी, ठंडा पानी, कुछ भूना जीरा और काला नमक से बनता है।
कोकम का फल तनाव को दूर करे
अध्ययनों से पता चलता है कि कोकम का उपयोग चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाते हैं। 2015 में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि कोकम के प्रभाव और तनाव कम करने वाली दवाओं के प्रभाव में लगभग समानता होती है। इस तरह से कोकम का उपयोग तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आप तनाव, अवसाद या चिंता से छुटकारा चाहते हैं तो कोकम के सेवन पर विचार कर सकते हैं।
कोकम जूस के फायदे पाचन के लिए
पेट से संबंधित किसी भी समस्या से परेशान हैं तो कोकम का उपभोग कर सकते हैं। मानव स्वास्थ्य संबंधी अधिकतर समस्याएं पेट से और पाचन तंत्र से शुरू होती हैं। खराब पाचन तंत्र के कारण आपके शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व और ऊर्जा भी प्राप्त नहीं हो सकती है। लेकिन कोकम से बनाए गए काढ़े का सेवन करने से यह पाचन संबंधी समस्याओं का प्रभावी रूप से दूर कर सकता है। नियमित रूप से इस काढ़े का सेवन कब्ज, पेट फूलना, अत्यधिक सूजन, अपचन, दस्त आदि पाचन संबंधी लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
कोकम के नुकसान
- गंभीर त्वचा एलर्जी वाले किसी व्यक्ति को कोकम का उपयोग करने से बचना चाहिए,
- क्योंकि यह मुख्य रूप से हल्के त्वचा से संबंधित मुद्दों के लिए फायदेमंद है।
- कोकम और दूध उत्पादों को एक साथ नहीं खाया जाना चाहिए। चूंकि कोकम खट्टा है, अगर दूध या दूध के उत्पादों के साथ लिया जाता है, तो यह आंत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। कोकम और दूध की खपत के बीच आदर्श अंतर न्यूनतम एक घंटा होना चाहिए।
- उच्च बीपी से पीड़ित लोगों को बड़ी मात्रा में कोकम लेने से बचना चाहिए,
- क्योंकि यह शरीर में अम्लता के उच्च स्तर पैदा करने में सक्षम है।
- कोकम को नमी से बचने के लिए कमरे के तापमान पर एक हवा-बंद जार में रखा जा सकता है। और, यह लगभग एक साल की अवधि के लिए ताजा रहेगा। इसे फ्रिज में भी ठंडा किया जा सकता है, लेकिन एक सप्ताह के भीतर उपभोग करने की आवश्यकता होगी। इसलिए इसे ठंडा करने की सिफारिश नहीं की जाती है, क्योंकि इससे इसके स्वाद और बनावट पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
Nice article
ReplyDeleteUseful artical
Good article
ReplyDelete